आइऐ जानते हैं क्या है Cryogenic तथा किस प्रकार हम इसका उपयोग करते हैं।
क्या है Cryogenic technology
अब हम आपको आसान शब्दों में समझाऐंगे Cryogenic technology के बारे में ।इसमें ईधन को इतना ठण्डा कर दिया जाता है कि बो solid में बदल ही जाए। पर solid में बदला नहीं जाता। इसमें तरल आक्सीजन तथा तरल हाइड्रोजन का प्रयोग किया जाता है।
Cryogenic engine
Cryogenic engine बनाने में इस तकनीक का उपयोग किया जाता है। इसमें आक्सीजन तथा हाइड्रोजन को इस प्रकार संपीडित किया जाता है जिससे बह बर्फ न बन सके। यह प्रकिया solid के स्थान को करने के लिए की जाती है। solid की इस form राकेट में भरा जाता हैं। और Cryogenic engine इसे जलाने का काम करता है। Cryogenic engine को ही राकेट तथा भारी उपग्रहों में किया जाता है। यह इंजन अन्य की तुलना मे अधिक अच्छा होता है।
भारत में Cryogenic technology
अगर भारत में Cryogenic technology की बात हो और Nambi Narayanan की बात न हो ऐसा हो ही नहीं सकता। तो बात है 1991 की जब भारत अंतरिक्ष में उड़ान भरना चाहता था। इसके लिए हमें आवश्यकता थी Cryogenic technology की तो इसके लिए भारत ने रूस से बात की उस समय हमारे प्रधानमंत्री हुआ करते थे P.V. Narasimha Rao इन्होने रूस से 235 करोड़ की डील की और रूस तैयार हो गया।इस कार्यक्रम को head कर रहे थे Nambi Narayanan। 1992 की बात है उसी समय अमेरिका हमें यह technology 950 करोड़ की तथ फ्रांस 650 करोड़ की। उस समय अमेरिका के राष्ट्रपति George H.W. Bush ने रूस के राष्ट्रपति Borosh Yelstin पर दबाव बनाया कि बो भारत को यह technology न दे। क्योंकी अमेरिका चाहता था की भारत यह technology सिर्फ उससे ही खरीदे। तब रूस ने भारत को technology बेचने से मना कर दिया। इसके बाद भारत ने रूस से चार Cryogenic engine मंगाए जिससे उसे खोल कर technology पता लगाया जा सके। इसरो ने यह कार्य Nambi Narayanan के नेतृत्व मे भारतीय कम्पनी KELTEC से टाइएफ करके तैयारी शुरू कर दी। इसी के चलते Nambi Narayanan पर देशद्रोह का झूठा केस लगा दिया गया और यह कार्य यहीं रुक गया।
1991 में अमेरिका के दबाव के कारण भारत रूस से Cryogenic technology दने का agreement नहीं कर पाया था तो इसी के चलते 1993 में रूस ने technology देने से मना कर दिया।1994 में भारत ने फिर से Cryogenic engine बनाने की कोशिश की पर असफल रहा। सन् 2000 में फिर से असफल रहा।तथा 2003 में भारत ने परिक्षण कि पर पूर्णतः सफल नहं हो पाया। अन्ततः 13 साल बाद भारत ने इसका प्रयोग राकेट में किया तथा पूर्णतः सफल हुआ।
First Successful Flight
- USA 1963
- JAPAN 1977
- FRANCE 1999
- CHINA 1984
- RUSSIA 1987
- INDIA 2014
हाल ही में Nambi Narayanan के जज्बे,जुनून को तथा अन्याय के खिलाफ उनकी लड़ाई को दर्शती एक फिल्म बनी है। Rocketry- The Nambi Effect जिसमें R. Madhavan ने Nambi Narayanan की भूमिका निभाई है।