भीषण आंदोलन के बाद तमाम समस्याओं को विराम चिन्ह लगते हुए इलाहाबाद विश्विद्यालय प्रशासन ने द्वितीय वर्ष के छात्रों को प्रमोट करने का निर्णय लिया है वहीं तृतीय वर्ष के परीक्षा ऑनलाइन कराने के योजना है।
आपको बतादें की छात्र-छात्राएं पिछले 40 दिनों से अनवरत अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे थे।
छात्र कर रहे थे ऑनलाइन परीक्षा की मांग
इलाहाबाद विश्वविद्यालय ( allahabad university ) के खुलते ही इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने वार्षिक परीक्षा ऑफलाइन लेने का निर्णय लिया था। विश्विद्यालय ने परीक्षाओं का शेड्यूल भी जारी कर दिया था।जिसके विरोध में इलाहाबाद विश्वविद्यालय ( allahabad university ) के लगभग तमाम छात्र आंदोलन करने लगे।छात्र-छात्राओं की मांग ऑनलाइन परीक्षा की थी।छात्र-छात्राओं के बढ़ते आंदोलन एवं भीषण हंगामे के बाद विश्विद्यालय द्वारा छात्र-छात्राओं का पक्ष सुनने के लिए एक कमेटी बनाई गई थी , कमेटी का काम छात्र-छात्राओं का पक्ष सुनके परीक्षा के मोड पर निर्णय देना था परन्तु कमेटी इस विषय पर निर्णय लेने में असफल रही।
कमेटी बनने के बाद भी निर्णय लेने में देरी होने के बाद छात्रों का धरना एक बार फिर तेज हुआ था जिस वजह से निर्णय यहां तक पहुंचा की ऑनलाइन परीक्षा देने वाले छात्र आवेदन देंगे तथा आवेदन से ही परीक्षा का मोड तय होगा।आवेदन देने के लिए अंतिम तिथि 10 मार्च तय किया गया था परन्तु 10 मार्च खत्म होने के बावजूद इस विषय पर निर्णय नहीं लिया गया।पुनः छात्रों का धरना प्रदर्शन के बाद पीआरओ जया कपूर ने बताया कि कमेटी के सदस्य छुट्टी पर हैं जिस वजह से होली के बाद ही निर्णय सम्भव है।
चूंकि अब होली का त्यौहार खत्म हो चुका था एवं सारे अधिकारी अपने काम पर लौट चुके थे इसलिए ये सम्भव था कि बीते दो-तीन दिनों के बैठक में परीक्षा के मोड पर निर्णय छात्रों के पक्ष में आ जाय
ऑफलाइन एग्जाम का लिया गया था निर्णय
छात्रों के भारी भीड़ एवं भीषण हंगामे को देखते हुए कल इलाहाबाद विश्वविद्यालय परिसर हाइ पावर कमेटी की बैठक बुलाई गई थी ।करीब 2-3 घण्टे चले बैठक के बाद शाम तक सूचना आयी कि छात्र-छात्राओं को ऑफलाइन एग्जाम देना है।लेकिन एक बार फिर छात्रों ने जोरदार हंगामा किया एवं कुछ छात्रों ने किरोसिन तक ली लिया ऐसे में प्रयागराज जिलाधिकारी छात्र-छात्राओं की समस्याओं को सुनने आये एवं उनकी बात इविवि प्रशासन के पास रखा जिसके बाद यह निर्णय लिया गया है।
आमरण अनशन पर भी थे छात्र
अपनी मांगों को लेकर कैम्पस में आंदोलन कर रहे छात्र आमरण अनशन पर बैठ गए थे।करीब सैकड़ों की संख्या में बैठे छात्रों का दिन-ब-दिन स्वास्थ्य में गिरावट आने लगी।जिसके उपरांत आनन-फानन में आमरण अनशन खत्म करना पड़ा।बहुत सारे छात्रों को होस्पिटलाइजड भी किया गया था।
छात्रों की हुई थी गिरफ्तारी
इधर छात्रों-छात्राओं के भीषण प्रदर्शन के बाद छात्रों के आंदोलन को लीड कर रहे दो छात्र नेताओं की गिरफ्तारी भी हुई थी।छात्रनेता अभिषेक द्विवेदी एवं जयराज को आंदोलन वाले स्थल से ही गिरफ्तार कर लिया गया था।उनपर विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा भी किया गया था।हालांकि काफी मसक़्क़त के बाद उन्हें बेल मिल गयी थी।