इलाहाबाद विश्वविद्यालय में इन दिनों वार्षिक परीक्षा के मोड को लेकर काफी अफरातफरी मची हुई है। छात्र विश्विद्यालय की वार्षिक परीक्षा ऑनलाइन माध्यम से देना चाहते हैं जबकि विश्विद्यालय पहले ही ऑफलाइन परीक्षा का शेड्यूल जारी कर चुका है।
छात्रों ने किया था ऑफलाइन परीक्षा का विरोध
विश्विद्यालय के ऑफलाइन परीक्षा का शेड्यूल जारी होते ही विभिन्न कॉलेजों के साथ साथ कैंपस के छात्रों ने भी विश्विद्यालय प्रशासन के इस निर्णय का पुरजोर विरोध किया था।छात्रों का कहना है कि ऑनलाइन पढ़ाई हुई है तो ऑनलाइन एग्जाम भी हो।छात्रों ने बताया कि कोरोनकाल में ऑनलाइन भी हमें नहीं पढ़ाया गया है।छात्रों ने कहा कि अगर ऑनलाइन परीक्षा हो तो वे ज्यादा अच्छा कर पाएंगे।
ज्ञात हो कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय में करीब 15 दिनों तक ऑफलाइन परीक्षा के विरोध में धरना प्रदर्शन चला था , इस दौरान विज्ञान संकाय के डीन की अध्यक्षता में एक कमेटी भी गठित की गई थी जिनका कार्य छात्रों के पक्ष को सुनकर अपना फैसला देना था परन्तु कमेटी निर्णय देने में असफल रही।इसके बाद छात्रों का धरना प्रदर्शन और तेज हुआ अब नतीजा यहां तक पहुंच गया कि ऑनलाइन परीक्षा देने वाले छात्रों से एप्पलीकेशन मांगा गया तथा इसी से परीक्षा के माध्यम तय होंगे।
आवेदनों की संख्या 7 हज़ार के पार
इविवि मुख्य परिसर में छात्र-छात्राओं ने कुल 7150 आवेदन जमा किये हैं।हालांकि यह आंकड़ा विश्विद्यालय के द्वारा बताया गया है परन्तु छात्रों का कहना है कि यह आंकड़ा और आगे है।
बहरहाल मुख्य परिसर के छात्रों के अलावा इसके संघटक कॉलेजों से कुल मिलाकर लगभग 15 हज़ार के करीब आवेदन आये हैं।अब विश्विद्यालय इतने आवेदन आने के बाद क्या फैसला लेता है यह भी किसी चुनौती से कम नहीं है।
आवेदनों की होगी छटनी
हालांकि ऑनलाइन परीक्षा के पक्ष में इतने आवेदन तो प्राप्त हो गए हैं परन्तु विश्विद्यालय की पीआरओ जया कपूर ने बताया कि अभी आवेदनों की छटनी की जाएगी तत्पश्चात इसे गठित की गई कमेटी को सौंपी जाएगी।इसके बाद कमेटी अपनी रिपोर्ट कुलपति को सौंपेगी। पीआरओ जया कपूर ने कहा कि अगले हफ्ते होली के कारण कमेटी के सदस्य छुट्टी पर हैं अतः अब होली के बाद ही वार्षिक परीक्षा पर निर्णय सम्भव है।