इलाहाबाद विश्वविद्यालय में सुबह से ही छात्र-छात्राओं के उमड़ते भीड़ एवं बढ़ते जनसैलाब के वाबजूद परीक्षा नियंत्रक ने छात्रों के पक्ष को नकारते हुए एक बार फिर से छात्रों को निराश किया है।
देर शाम तक परीक्षा नियंत्रक छात्रों से मिलने पहुंचे उन्होंने छात्रों से कहा कि 2 हफ्ते में बैठक कर हम निर्णय लेंगे।जिससे छात्र छात्राएं काफी नाराज हैं और आमरण अनशन करने की तैयारी में हैं।
इससे पहले 14 फरवरी को परीक्षा नियंत्रक ने इस विषय पर दो दिनों का समय मांगा था परन्तु 2 दिन पूरे होने के वाबजूद भी इस विषय पर निर्णय नहीं लिया गया,जिसके चलते इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्रों का जनसैलाब उमड़ पड़ा।छात्रों के नारों से पूरा इलाहाबाद विश्वविद्यालय गूंज उठा।छात्रों के एकरूपता को देखते हुए इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने सुबह से ही भारी मात्रा में पुलिस बल की तैनाती कर दी थी,परन्तु छात्र अपनी मांगों को सहज रूप से प्रमुखता से सबके सामने रख रहे थे।
ऑनलाइन परीक्षा या असाइनमेंट बेस्ड परीक्षा की है मांग
चूंकि,इस सत्र में छात्र-छात्राओं की कक्षाएं ऑनलाइन माध्यम से चलाई गई है इसलिए छात्रों की मांग है कि परीक्षा भी ऑनलाइन हो छात्रों का कहना है कि ऑनलाइन कक्षाएं सही तरीके से नहीं चलाई गई है कहीं नेटवर्क की समस्या रही तो कभी शिक्षक समय पर ही उपलब्ध नहीं होते थे। कभी रात में भी कक्षाएं ले ली जाती थीं। इन तमाम बिंदुओं को देखते हुए छात्र ऑफलाइन परीक्षा का विरोध कर रहे हैं। छात्रों ने यह भी कहा कि अगर ऑनलाइन परीक्षा सम्भव नहीं तो असाइनमेंट बेस्ड परीक्षा कराई जाए।
आंदोलन में बिगड़ी छात्रा की हालत
एकतरफ जहां ऑफलाइन परीक्षा के विरोध में छात्रों की अधिकता थी वहीं छात्राओं की भी संख्या कम नहीं रही।इस आंदोलन में छात्राओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। आंदोलन कर रहे छात्रा में एक की हालत बिगड़ गयी ,उसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया।
परीक्षा नियंत्रक से खुश नहीं छात्र ,बहुत सारे छात्र कर रहे हैं आमरण अनशन
सुबह से लेकर शाम तक हुए आंदोलन के बाद आये परीक्षा नियंत्रक के आश्वासन से छात्र बेहद निराश हैं ।अब यह आंदोलन आमरण अनशन होने में तब्दील होता दिखाई दे रहा है।जहां भारी मात्रा में छात्र आमरण अनशन कर रहे हैं।छात्रों की मांग जायज है ।अब देखना है की विश्विद्यालय प्रशासन छात्रों के विशाल आंदोलन के बाद क्या निर्णय लेता है।