विश्वविद्यालय बंद करने पर स्टूडेंट यूनियन ने दिया सरकार को तगड़ा जवाब कहा “जब शराब की दुकानें ,होटल और मॉल सुचारू रूप से चल सकते हैं तो शिक्षण संस्थान क्यों नहीं?”
कोलकाता : सरकार के लिए शराब बेचना अचानक स्वर्णिम अवसर बन गया है। कोरोनाकाल में जहां दो वर्षों से शैक्षणिक संस्थान ठप पड़े हैं वहां सरकार को सिर्फ अपनी गाढ़ी कमाई से मतलब है।।
राज्य सरकार की तरफ से आए फरमान का विरोध करते हुए जाधवपुर राज्य विश्वविद्यालय के स्टूडेंट यूनियन ने सरकार को आईना दिखाने का काम किया है।। 4 जनवरी 2021 को सरकार द्वारा कोरोनावायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए यह फरमान जारी किया कि राज्य के सारे शैक्षणिक संस्थान तत्काल प्रभाव से बंद किए जाएंगे और साथ ही साथ फरमान में शराब की दुकानें, होटल और मॉल सुचारू रूप से चलाने का जिक्र है।।
फरमान सुनते ही राज्य का प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय जाधवपुर राज्य विश्वविद्यालय का छात्र संघ भड़क उठा।। विश्वविद्यालय छात्र संघ ने सरकार के इस फैसले का विरोध करते हुए यूनिवर्सिटी प्रशासन को पत्र लिखते हुए यह आग्रह किया की विश्वविद्यालय प्रशासन सुचारू रूप से हॉस्टल और यूनिवर्सिटी चलाने का फैसला ले।।
छात्र संघ ने यूनिवर्सिटी को लिखे हुए पत्र में यह कहा कि विश्वविद्यालय हर जरूरी समाधान निकालें जिससे छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ ना हो पाए और बच्चे सुचारू रूप से पढ़ाई कर सकें।
पत्र में आगे उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन से हॉस्टलों को कोविड के नियम और शर्तों का पालन करते हुए सुचारू रूप से खोलें जाने का जिक्र किया । दूसरे राज्य से आए बच्चे इसका लाभ उठा सकें और अपनी पढ़ाई जारी रख सके साथ ही साथ उनके स्वास्थ्य का ख्याल रखना स्वयं विश्वविद्यालय प्रशासन की जिम्मेवारी होगी।
बच्चों के फाइनेंसियल कंडीशन को देखते हुए छात्र संघ ने विश्वविद्यालय प्रशासन से यह भी मांग की छात्रावासों में रहने वाले छात्रों के मेस के बिल माफ हो और साथ ही साथ जो बच्चे अपना वैक्सीनेशन नहीं करा पाए हैं उनको विश्वविद्यालय प्रशासन वैक्सीन उपलब्ध कराएं।।